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तेरी मोहब्बत पे शक़ नहीं है
तेरी वफ़ाओं को मानता हूँ
मगर तुझे किस की आरज़ू है
मैं ये हक़ीक़त भी जानता हूँ
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ना आदमी का कोई भरोसा
ना दोस्ती का कोई ठिकाना
वफ़ा का बदला है बेवफ़ाई
अजब ज़माना है ये ज़माना
ना आदमी का कोई भरोसा
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ना हुस्न में अब वो दिलकशी है
ना इश्क़ में अब वो ज़िंदगी है
जिधर निगाहें उठा के देखो
सितम है, धोका है, बेरुख़ी है
बदल गए ज़िंदगी के नग़्मे
बिखर गया प्यार का तराना
बदल गए ज़िंदगी के नग़्मे
बिखर गया प्यार का तराना
ना आदमी का कोई भरोसा
♪
दवा के बदले में ज़हर दे दो
उतार दो मेरे दिल में ख़ंजर
लहू से सींचा था जिस चमन को
उगे हैं शोले उसी के अंदर
मेरे ही घर के चराग़ ने ख़ुद
जला दिल मेरा आशियाना
मेरे ही घर के चराग़ ने ख़ुद
जला दिल मेरा आशियाना
ना आदमी का कोई भरोसा
ना दोस्ती का कोई ठिकाना
वफ़ा का बदला है बेवफ़ाई
अजब ज़माना है ये ज़माना