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नफ़रत से जिन्हें तुम देखते हो
तुम मारते हो जिनको ठोकर
क्या उन पे गुज़रती है, देखो
एक बार कभी घायल होकर
♪
ज़माने की आँखों ने देखा है, यारों
ज़माने की आँखों ने देखा है, यारों
सदा अपनी दुनिया में ऐसा नज़ारा
कभी उनको फूलों से पूजा है सब ने
कभी उनको फूलों से पूजा है सब ने
कभी जिनको लोगों ने पत्थर से मारा
ज़माने की आँखों ने देखा है, यारों
♪
पिसे ना जहाँ तक पत्थर पे मेहँदी
किसी भी तरह रंग लाती नहीं है
हज़ारों जगह ठोकरें खा ना ले जब
कोई ज़िंदगी मुस्कुराती नहीं है
बिना ख़ुद मरे किसको जन्नत मिली है?
बिना ख़ुद मरे किसको जन्नत मिली है?
बिना दुख सहे किसने जीवन सँवारा?
ज़माने की आँखों ने देखा है, यारों
♪
भँवर से जो घबरा के पीछे हटे हैं
डुबो दी है मौजों ने उनकी ही नैया
डुबो दी है मौजों ने उनकी ही नैया
जो तूफ़ाँ से टकरा के आगे बढ़े हैं
जो तूफ़ाँ से टकरा के आगे बढ़े हैं
बिना कोई माँझी, बिना ही खिवैया
कभी ना कभी तो कहीं ना कहीं पर
कभी ना कभी तो कहीं ना कहीं पर
हमेशा ही उनको मिला है किनारा
ज़माने की आँखों ने देखा है, यारों
♪
यहाँ आदमी को सबक़ दोस्ती का
सिखाते हुए जो लहू में नहाया
मसीहा बना और गाँधी बना वो
हज़ारों दिलों में यहाँ घर बनाया
उन्हीं की बनी हैं यहाँ यादगारें
उन्हीं की बनी हैं यहाँ यादगारें
उन्हीं का जहाँ में चमका सितारा
ज़माने की आँखों ने देखा है, यारों
सदा अपनी दुनिया में ऐसा नज़ारा
कभी उनको फूलों से पूजा है सब ने
कभी जिनको लोगों ने पत्थर से मारा
ज़माने की आँखों ने देखा है, यारों